Tuesday, January 7, 2014

छवि...


सियासी दल चुनाव के क़रीब आते ही अपने नेताओं की छवि सुधारने के लिए विदेशी कंपनियों को अरबों रुपये देते हैं... ज़ाहिर है, जो पार्टियां ऐसा करती हैं, जनता के बीच उनके नेताओं की छवि अच्छी नहीं होती... अब जनता जागरूक हो चुकी है, वह किसी विदेशी कंपनी के झांसे में आने वाली नहीं है...
कितना अच्छा होता, अगर इन सियासी दलों के नेता विदेशी कंपनियों पर अरबों रुपये लुटाने की बजाय ये पैसा अपने ही देश की ग़रीब जनता की भलाई के लिए ख़र्च कर देते...
फिर उन्हें अपनी छवि (फ़र्ज़ी) बनाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती... काश! इस मुल्क के नेताओं में इतनी समझ आ जाती... 

Friday, January 3, 2014

सबक़


कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सियासत में आम आदमी के दख़ल की बात कही... वे जनता के बीच भी गए... अपने स्तर पर वे जो कर सकते थे, कुछ हद तक उन्होंने किया... लेकिन उनके साथी कांग्रेसियों ने इसे संजीदगी से नहीं लिया... वे हमेशा चमचमाते कपड़ों, महंगी गाड़ियों और एसी कमरों तक ही सीमित रहे...  नतीजतन, केजरीवाल ने आम आदमी की बात करके दिल्ली की सत्ता हासिल कर ली... विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस नेताओं ने अब भी सबक़ नहीं लिया, तो आने वाला वक़्त उनके और उनकी पार्टी के लिए और भी बुरा हो सकता है...
फ़िरदौस ख़ान