Tuesday, November 24, 2015

विज्ञापन डराते हैं


टीवी पर दिनभर में जितने भी विज्ञापन आते हैं, उनमें ऐसे विज्ञापनों की भरमार रहती है, जिनमें लोगों को इतनी बुरी तरह डराया जाता है कि वे विज्ञापन ख़त्म होते ही उनके उत्पाद ख़रीदने के लिए दौड़ पड़ें... हाथ धोने से लेकर नहाने तक और बर्तन धोने से लेकर फ़र्श साफ़ करने तक के उत्पादों के विज्ञापनों में कीटाणुओं का डर दिखाया जाता है कि अगर फ़लां उत्पाद इस्तेमाल न किया, तो उनका बच्चा बीमार हो जाएगा...
शुक्र है कि ये विज्ञापन कीटाणुओं के संपूर्ण नाश के लिए कोई कीटनाशक पीने की सलाह नहीं देते...


यह हिंदुस्तान है, जहां धरती को मां कहकर पुकारा जाता है... गांव-देहात में आज भी चोट लगने पर बच्चे और बड़े अपने ज़ख़्म पर मिट्टी डाल लेते हैं...

Saturday, November 14, 2015

अवाम को क्या चाहिए


अवाम को क्या चाहिए, बुनियादी ज़रूरत की चीज़ें... मुल्क में चैन-अमन हो, लोगों के पास रोज़गार हो, पेट भरने के लिए खाना हो, रहने को घर हो, बिजली हो, पानी हो, यातायात के साधन हों, बच्चों के लिए स्कूल-कॊलेज हों  और स्वास्थ्य सुविधाएं हों...

अवाम यही सब तो चाहती है, लेकिन सरकार... सरकार उन्हें ये सब देने की बजाय फ़िज़ूल की बयानबाज़ी में उलझाये रखना चाहती है, ताकि वे अपने हक़ के लिए बग़ावत शुरू न कर दें...
और सरकार अपनी इस साज़िश में काफ़ी हद तक कामयाब भी हुई है... अवाम को चाहिए कि वे बेजा बयानबाज़ी के फेर में न पड़ कर अपने हक़ के लिए आवाज़ बुलंद करें...
-फ़िरदौस ख़ान

Friday, November 6, 2015

विज्ञापन गुमराह करते हैं



सोच रहे हैं, क्या ख़ाला ने ये ख़बर सुनी होगी... अगर सुनी होगी, तो उन्होंने ये ज़रूर सोचा होगा कि ठगी तो वह भी गई हैं, उन करोड़ों लोगों की तरह, जो विज्ञापनों के झूठे दावों पर भरोसा करके कुछ अच्छे की उम्मीद बांध लेते हैं...
ज़्यादातर विज्ञापन गुमराह करते हैं... फिर भी लोग विज्ञापनों के झूठे दावों के दांव में फंस जाते हैं... बचपन की बात है... हमारी रिश्ते की एक ख़ाला हैं... उनका रंग ज़्यादा सांवला है... वो फ़ेयरनेस क्रीम लगाती थीं, शायद उस वक़्त आठ हफ़्तों में गोरा होने का दावा किया जाता था... वो अपनी अम्मी से क्रीम छुपाकर रखती थीं, ताकि वो देख न लें... क्रीम लगाने की सख़्त मनाही थी... बस काजल या सुरमा लगाने की इजाज़त थी... बरसों उन्होंने क्रीम लगाई, लेकिन गोरी नहीं हुईं... चार साल पहले जयपुर में उनसे मुलाक़ात हुई... हमने उनसे पूछा कि क्या अब भी फ़ेयरनेस क्रीम लगाती हैं... वो मुस्करा कर रह गईं...
दिल्‍ली की ज़िला उपभोक्‍ता अदालत ने फ़ेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने यह फ़ैसला निखिल जैन की याचिका पर सुनाया है. तीन साल पहले दायर अर्ज़ी में निखिल ने आरोप लगाया था कि इमामी ने प्रचार में जो दावा किया था, क्रीम के इस्‍तेमाल से सच में वैसा कोई नतीजा नहीं आया. इमामी स्किन क्रीम के इस्‍तेमाल के बाद ख़ुद को छला हुआ महसूस करने के बाद निखिल ने कंपनी के ख़िलाफ़ अनफ़ेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस का आरोप लगाया था. उसने जो क्रीम ख़रीदा थी, उसके प्रचार में चार हफ़्ते में गोरापन लाने का वादा किया गया था. उन्‍हें प्रचार में शाहरुख़ ख़ान यह दावा करते दिखे थे.
अदालत में कंपनी ने कहा कि उसका उत्पाद त्‍वचा की सेहत और गुणवत्‍ता सुधारने के लिए है. इस पर अदालत ने विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए ने कहा, ‘पहली बात तो विज्ञापन में गोरापन शब्‍द का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है त्‍वचा का रंग साफ़ करना. दूसरी बात, इसमें वादा किया गया है कि चार हफ़्ते के इस्‍तेमाल के बाद गोरी त्‍वचा मिलेगी.’