हम खाना खाते वक़्त हज़ार नख़रे करते हैं... हमें ये सब्ज़ी पसंद नहीं, हमें वो सब्ज़ी पसंद नहीं... दूध पीने के मामले में भी सौ नख़रे... मां से कितनी ही मिन्नतें करवाने के बाद दूध पीते हैं... अमूमन हर आम घर की ये कहानी है...
लेकिन हम ये नहीं जानते कि इस दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें न तो पेट भरने के लिए रोटी मिलती है और न ही पीने के लिए साफ़ पानी... करोड़ों लोग हर रोज़ भूखे पेट सोते हैं... दुनिया भर में लोग भूख से मर रहे हैं...
लाखों बच्चों को दूध तो क्या, पीने के लिए पेटभर उबले चावल का पानी तक नसीब नहीं होता... और भूख से बेहाल बच्चे दम तोड़ देते हैं...
अल्लाह ने जो दिया है, उसका शुक्र अदा करके उसे ख़ुशी-ख़ुशी खा लेना चाहिए... क्या हुआ अगर एक दिन घर में हमारी पसंद की सब्ज़ी नहीं बनी है तो...
फ़िरदौस ख़ान
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