Friday, May 6, 2016

औरत की इज़्ज़त


फ़िरदौस ख़ान
एक औरत को किसी भी मर्द की सबसे अच्छी बात कौन-सी लगती है... ज़ाहिर है, मर्द का औरत की इज़्ज़त करना, उसे सबसे ज़्यादा अच्छा लगता है... बाक़ी बातें बाद की हैं... हमने देखा है, जो मर्द औरतों की इज़्ज़त करते हैं, उनके घर की औरतों की ज़िन्दगी ख़ुशहाल होती है...
उनकी ये बात हमें बहुत पसंद है... वो अपनी मां की बहुत इज़्ज़त करते हैं... अपनी बहन के साथ उनका बर्ताव दोस्ताना है... ऐसा नहीं है कि वो सिर्फ़ अपनी मां और बहन की इज़्ज़त करते हैं... वो दुनिया की तमाम औरतों की इज़्ज़त करते हैं, औरतज़ात की इज़्ज़त करते हैं... वो कहते हैं- औरत का दर्जा बुलंद है... दुनिया का कोई भी मर्द ऐसा नहीं है, जिसकी मां न हो... एक मां अपने ख़ून से बच्चे को सींचती है, फिर उसी बच्चे को अपना दूध पिलाकर बड़ा करती है... लेकिन जब यही बच्चा बड़ा होकर मर्द बनता है, तो वो उस औरतज़ात पर ज़ुल्म ढहाने लगता है... उसे ग़ुलाम बनाकर रखना चाहता है... कितने शर्म की बात है...
वो कहते हैं- जो शख़्स औरतज़ात को कमतर समझता है, वो दुनिया की किसी भी औरत से मुहब्बत कर ही नहीं सकता, क्योंकि महबूब का दर्जा हमेशा बुलंद होता है... औरत से मुहब्बत करने वाले मर्द तो तख़्तो-ताज तक ठुकरा देते हैं... जो अपनी अना के ग़ुलाम हैं और मानते हैं कि औरत का दर्जा मर्द से कमतर है, वे भला किसी औरत से क्या ख़ाक मुहब्बत करेंगे...

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