Monday, February 22, 2016

जाट आंदोलन


जाटों ने आरक्षण के लिए आंदोलन किया... हज़ारों करोड़ों की सरकारी संपत्ति का नुक़सान किया... आम लोगों की संपत्ति का भी ख़ूब नु़क़सान किया...
सरकार अवाम पर टैक्स लगाकर अपने नुक़सान की वसूली कर लेगी... ये टैक्स ग़ैर जाटों से ज़्यादा वसूला जाएगा, क्योंकि उनकी आबादी जाटों के मुक़ाबले ज़्यादा है...
इन ग़ैर जाटों का क्या क़ुसूर था ?
और वो लोग क्या करें, जिनके ख़ून-पसीने से बनाई संपत्ति का नुक़सान हो गया...
जब ’मज़बूत’ सरकार को झुकना ही था, तो पहले ही झुक जाती... इतना स्यापा तो न होता, इतना नुक़सान तो न होता...

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