फ़िरदौस ख़ान
मुस्लिम सियासी दलों की हक़ीक़त... देश में चुनाव के क़रीब आते ही मुस्लिम सियासी दल और मुस्लिम संगठन हरकत में आ जाते हैं... इनके कर्ताधर्ता पहले तो देश के तक़रीबन सियासी दलों को पानी पी-पीकर कोसते हैं और बाद में कुछ संगठन इन्हीं सियासी दलों की गोद में जाकर बैठ जाते हैं... पर्दे के पीछे की हक़ीक़त यही रहती है कि इन दलों का मक़सद बड़े सियासी दलों से सैटिंग करके रक़म ऐंठना ही होता है... जो दल खुलेआम किसी सियासी दल को समर्थन नहीं देते, वे भी मुसलमानों के वोट बांटने का काम करते हुए सांप्रदायिक सियासी दलों को फ़ायदा पहुंचाते हैं... मुसलमानों को चाहिए कि वे ऐसे मुस्लिम सियासी दलों से परहेज़ करें, जो उनकी भलाई के नाम पर अपना उल्लू सीधा करते हैं... आज देश में हालात हैं, उन्हें देखते हुए यह बेहद ज़रूरी है कि मुसलमान ऐसे सियासी दल को वोट करें, जो देश की एकता और अखंडता में यक़ीन रखता है... ख़ास बात यह है कि अगर मुसलमान अपना और अपने बच्चों का सुरक्षित भविष्य चाहते हैं, तो उन्हें सांप्रदायिक ताक़तों के ख़िलाफ़ एकजुट होना ही होगा...
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