बिहार के भागलपुर ज़िले के गांव कजरैली की महिलाएं खेत में सिन्दूर उगा रही हैं...सिन्दूर के इन पौधों के फलों से बीज निकाल कर उन्हें हथेली पर मसलने पर उनमें से सिन्दूरी रंग निकलता है...इसी प्राकृतिक रंग को महिलाएं अपनी मांग में सजा रही हैं...इन महिलाओं की देखा-देखी आसपास के गांवों की महिलाओं ने भी घरों में सिंदूर के पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं...
भारतीय संस्कृति में सिन्दूर का बड़ा महत्व है...सिन्दूर के बिना सुगागन का श्रृंगार मुकम्मल नहीं होता... बाज़ार में बिकने वाले सिन्दूर में केमिकल होने की वजह से यह त्वचा के लिए नुक़सानदेह माना जाता है... अमेरिका ने अपने देश में सिन्दूर पर पाबंदी लगाते हुए कहा था कि इसमें काफ़ी मात्र में सीसा होता है...और सीसा सेहत के लिए नुक़सानदेह है...सिंदूर लैड ऑक्साइड यानी पारा युक्त पदार्थ को पीसकर बनाया जाता है... सिंदूर पानी में नहीं घुलता और न किसी चीज पर रंग छोड़ता है... यह 400 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बाज़ार में उपलब्ध है...
दूसरी चीज़ों की ही तरह नक़ली सिंदूर भी धड़ल्ले से बाज़ार में बेचा जा रहा है... अरारोट के पाउडर में गिन्नार और नारंगी रंग मिलाया जाता है. फिर इस मिश्रण को छान लिया जाता है...इसके बाद इस सिंदूरी पाउडर को धूप में सुखाया जाता है...और इस तरह नक़ली या सस्ता सिंदूर बनाया जाता है...इसमें सस्ते रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा को नुक़सान पहुंचाते हैं... यह सिंदूर 50 से 60 रुपये प्रति किलो की दर से मिला जाता है... बाज़ार में इस सिंदूर की भारी मांग है...
14 Comments:
बढ़िया जानकारी दी है ...शुभकामनायें आपको !
तथ्यात्मक पोस्ट, पढकर ज्ञान बढ़ा।
सिन्दूर के विषय में सुंदर जानकारी. असली सिन्दूर भी कम खतरनाक नहीं है. इससे तो नकली ही बेहतर. लेड ऑक्साइड के जैसे ही सिनेबार या मर्करी सल्फाइड का भी प्रयोग होता है. लेकिन लेड को हिंदी में सीसा कहते है. पारा मर्करी है. और दोनों ही जहरीले है.
बढ़िया जानकारी दी है|धन्यवाद|
महत्वपूर्ण जानकारी
very informative..
very nice post and information.
यह पौधा है कौन सा..
पत्रकार और शायरा ,लेखिका फिर्दोज़ को जन्म दिन मुबारक हो
पत्रकार और शायरा ,लेखिका फिर्दोज़ को जन्म दिन मुबारक हो बहुमुखी प्रतिभा की धनी फिरदोस के बारे में जानिए कुछ इस तरह से ...........
पत्रकार, शायरा और कहानीकार... उर्दू, हिन्दी और पंजाबी में लेखन. उर्दू, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, इंग्लिश और अरबी भाषा का ज्ञान... दूरदर्शन केन्द्र और देश के प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों दैनिक भास्कर, अमर उजाला और हरिभूमि में कई वर्षों तक सेवाएं दीं...अनेक साप्ताहिक समाचार-पत्रों का सम्पादन भी किया... ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन केन्द्र से समय-समय पर कार्यक्रमों का प्रसारण... ऑल इंडिया रेडियो और न्यूज़ चैनल के लिए एंकरिंग भी की है. दैनिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण ट्रिब्यून, जनसत्ता, राजस्थान पत्रिका, नवभारत, अजीत समाचार, देशबंधु और लोकमत सहित देश-विदेश के विभिन्न समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और समाचार व फीचर्स एजेंसी के लिए लेखन... मेरी ' गंगा-जमुनी संस्कृति के अग्रदूत' नामक एक किताब प्रकाशित... इसके अलावा डिस्कवरी चैनल सहित अन्य टेलीविज़न चैनलों के लिए स्क्रिप्ट लेखन जारी... उत्कृष्ट पत्रकारिता, कुशल संपादन और लेखन के लिए अनेक पुरस्कारों ने नवाज़ा जा चुका है...इसके अलावा कवि सम्मेलनों और मुशायरों में भी शिरकत...कई बरसों तक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की तालीम भी ली... उर्दू, पंजाबी, अंग्रेज़ी और रशियन अदब (साहित्य) में ख़ास दिलचस्पी. फ़िलहाल 'स्टार न्यूज़ एजेंसी' और 'स्टार वेब मीडिया' में समूह संपादक का दायित्व संभाल रहीहै ...
फिरदोस की डायरी कहने को तो निजी डायरी लगती है लेकिन इस डायरी में फिरदोस ने अपने अनुभव अपनी जानकारियों का जो जखीरा है वोह सब उकेर कर रख दिया है २२ सितम्बर २००८ को जब फिरदोस ने हिंदी ब्लोगिग्न में अपने नाम से डायरी लिखना शुरू किया तो उसमे फिरदोस ने रेत के धोरे से सब्जियों की खेती पर अपना आलेख लिखा था फिर तो बेगम हजरत महल से लेकर गुजरी के महल तक का इतिहास लिख डाला हरियाणा की एक एक गली ..एक एक परेशानी..सियासत और विचारकों पर जो टिपण्णी कर सकती थी जो विचार दे सकती थी मुसलमान भाइयों को कुरान के नाम पर जो संदेश दे सकती थी वोह सब बहन फिरदोस हम ब्लोगरों को देती रहीं कभी अपनी लेखनी से विवाद में रही तो कभी इनकी लेखनी के लियें हम लोगों ने और खासकर आलोचकों ने भी इनकी प्रशंसा की है ..बहन फिरदोस अन्य दुसरे साँझा ब्लॉग से भी जुडी हैं ..और लेखन की इस शोकीन पत्रकार के हर लेख में पत्रकारिता की खोज का असर नज़र आता है .....फिरदोस बहन ने अपने अनुभवों के आधार पर १७२ पेज की एक पुस्तक गंगा जमुनी संस्क्रती के अग्रदूत भी लिख डाली है जो प्रकाशित होकर लोगों के आकर्षक का केंद्र बनी है ..ऐसी बहुमुखी प्रतिभा की धनी बहन फिरदोस को जन्म दिन पर हार्दिक बधाई ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
आप को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
इस पौधे के बारे में जानकारी मिलती तो और ठीक रहता।
आपकी खोजपरक रिपोर्ट हमेशा नई नई जानकारियां उपलबध कराती है। शुक्रिया।
थोडा देर से सही, पर जन्मदिन की शुभकामनाएं स्वीकारें।
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कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
आपकी जानकारी परक रचना की खबर यहाँ प्रकाशित है " समय मिले तो अवश्य आये.. भारतीय ब्लॉग समाचार http://blogkeshari.blogspot.com/
जी बहुत सुंदर जानकारी है।
सिंदूर को लेकर कुछ माफिया माता वैष्णों देवी धाम में गडबडी कर रहे हैं। वहां नकली सिंदूर का इस्तेमाल हो रहा है, जो नुकसानदेय भी है। लेकिन इसमें कई नौकरशाह और नेता शामिल हैं, जिसकी वजह से आज तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है।
सार्थक पोस्ट
"सवाल-जवाब प्रतियोगिता-कसाब आतंकी या मेहमान" मैं विचार व्यक्त करने का सुअवसर मिला.
"यहाँ चलता हैं बड़े-बड़े सूरमों का एक छत्र राज और अंधा कानून" और
"नाम के लिए कुर्सी का कोई फायदा नहीं-रमेश कुमार जैन ने 'सिर-फिरा' दिया"
"जरुर देखे. "हम कहाँ से आरंभ कर सकते हैं?"
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