फ़िरदौस ख़ान
पिछले हफ़्ते की बात है, हम अपनी एक रिश्तेदार के घर गए. सोचा बच्चों के लिए चॊकलेट ले चलें. उसकी गली में एक दुकान पर LAYS चिप्स के पैकेट देखकर हैरानी हुई. हैरानी इस बात कि दुकानदार मुस्लिम हैं. सफ़ेद कुर्ता पायजामा पहने, हमेशा सर पर टोपी पहनने वाले नमाज़ी बुज़ुर्ग. हमने उनसे पूछा कि क्या आप जानते हैं कि LAYS चिप्स में सूअर की चर्बी होती है? वह हैरानी से हमें देखने लगे, जैसे हमने कोई अनोखी बात पूछ ली हो. दरअसल, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हमारे बताने पर वह कहने लगे कि वह अब कभी अपनी दुकान पर LAYS चिप्स नहीं रखेंगे, और ये पैकेट भी हटा देंगे. हमने उनसे कहा कि आप अपने साथी दुकानदारों को भी इस बारे में जानकारी दीजिएगा. और हां, जो बच्चे और बड़े LAYS चिप्स ख़रीदने आएं, उन्हें भी ये जानकारी ज़रूर दीजिएगा.
कुछ अरसा पहले जब Maggi और LAYS चिप्स में सूअर की चर्बी पाए जाने पर हंगामा हुआ था और कुछ मुस्लिम देशों में Maggi और LAYS चिप्स जैसे उत्पादों पर रोक लगाई गई थी. तब भी हमने अपने फ़्लैट्स की इमारत में बनी दुकानें चलाने वालों को इस बारे में बताया था और उन्होंने Maggi और LAYS चिप्स रखना बंद कर दिया था.
जिन पदार्थों पर E100, E110, E120, E 140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252,E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475,E476, E477, E478, E481, E482, E483, E491, E492, E493, E494, E495, E542,E570, E572, E631, E635, E904 लिखा दिखे, तो समझ लीजिए कि इसमें सूअर की चर्बी है.
हमें यह देखकर हैरानी होती है कि छोटे नवाब यानी सैफ़ अली ख़ान LAYS चिप्स का विज्ञापन बड़ी शान से करते हैं. LAYS चिप्स में सूअर की चर्बी होती है. इसके पैकेट पर इस बारे में संकेत भी दिया गया है, यानी E631 लिखा गया है, जिसका मतलब है सूअर की चर्बी. इसके बावजूद सैफ़ अली ख़ान LAYS चिप्स बेचते हैं.
हो सकता है कि उन्हें सूअर की चर्बी खाने में कोई बुराई नज़र नहीं आती हो, लेकिन जो लोग इसे हराम समझते हैं, उनका ईमान क्यों ख़राब किया जाए?
जो इंसान, जो चीज़ नहीं खाता, उसे धोखे से वह चीज़ खिलाना ग़लत है, बिल्कुल ग़लत.
हिंदुस्तान में करोड़ों लोग ऐसे होंगे, जिन्हें यह मालूम नहीं होगा कि LAYS चिप्स में सूअर की चर्बी होती है, और बच्चे...? बच्चे तो मासूम होते हैं, उन्हें क्या पता कि उनका हीरो सैफ़ अली ख़ान जिस LAYS चिप्स खाने के लिए उन्हें ललचा रहे है, उसमें सूअर की चर्बी है.
क्या सैफ़ अली ख़ान जैसे लोगों की समाज के प्रति कोई ज़िम्मेदारी नहीं है?
4 Comments:
I would like to know the source of this information.
कल 29/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
उनके के लिए शायद यह एक व्यावसायिक उत्पाद से बढ़कर नहीं ..पैसा जो बनता है ..
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है हमें तो थोडा बहुत ही पता था इस बारे में..सुक्रिया
एक जानकारी भरा लेख. बाकि रहे फिल्म स्टारों की तो उनमे सामाजिकता नाम की कोई चीज़ नहीं बस वो मुनाफे के लिए ही जीए जाते हैं.
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