Wednesday, June 6, 2012

हिन्दुस्तान में कौन सा क़ानून लागू है...?



हमारे मुल्क हिन्दुस्तान में कौन सा क़ानून लागू है...भारतीय संविधान या शरीयत....? हम यह सवाल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हाल में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी मुस्लिम लड़की ने 15 साल की उम्र में प्यूबर्टी हासिल कर ली है, तो उसकी शादी ग़ैर क़ानूनी नहीं है. हाईकोर्ट के जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस एसपी गर्ग की बेंच ने अपने फ़ैसले में कहा, 'इस्लामिक क़ानून के मुताबिक़ कोई भी मुस्लिम लड़की बिना अपने माता-पिता की इजाज़त के शादी कर सकती है, बशर्ते उसने प्यूबर्टी हासिल कर ली हो. अगर उसकी उम्र 18 साल से कम भी है तो उसे अपने पति के साथ रहने का हक़ है.'

मुस्लिम नाबालिग़ लड़कियों की शादी पर सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसलों का हवाला देते हुए अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा, ऐसे फ़ैसलों की रौशनी में यह साफ़ है कि तरुणाई की उम्र (अमूमन 15 साल) में शादी करने पर शादी अवैध नहीं ठहराई जा सकती है. हालांकि ऐसी लड़की के पास यह विकल्प है कि बालिग़ (18 साल) होने पर वह अपनी शादी को ख़ारिज कर सकती है.

दिल्ली हाई कोर्ट का यह फ़ैसला ऐतिहासिक माना जा रहा है. क़ाबिले गौर है कि  हिन्दुस्तानी क़ानून के मुताबिक़ शादी के वक़्त  लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की 21 साल होनी चाहिए...