Saturday, October 22, 2022

झाड़ू की सींकों का घर...

 


जी, हां ये बात बिल्कुल सच है. जो चीज़ हमारे लिए बेकार है, उससे किसी का आशियाना भी बन सकता है.    

बहुत साल पहले की बात है. अक्टूबर का ही महीना था. हमने देखा कि कई कबूतर आंगन में सुखाने के लिए रखी झाड़ू की सींकें निकाल रहे हैं. हर कबूतर बड़ी मशक़्क़त से एक सींक खींचता और उड़ जाता. हमने सोचा कि देखें कि आख़िर ये कबूतर झाड़ू की सीकें लेकर कहां जा रहे हैं. हमने देखा कि एक कबूतर सामने के घर के छज्जे पर रखे एक कनस्तर में सींकें इकट्ठी कर रहा है और दो कबूतर दाईं तरफ़ के घर की दीवार में बने रौशनदान में एक घोंसला बना रहे हैं. कबूतरों के उड़ने के बाद हमने झाड़ू को खोल कर उसकी सींकें बिखेर दीं, ताकि वे आसानी से अपने नन्हे घर के लिए सींकें ले जा सकें. अब हमने इसे अपनी आदत में शुमार कर लिया. पुरानी छोटी झाड़ुओं को फेंकने की बजाय संभाल कर रख देते हैं. जब इस मौसम में कबूतर झाड़ू की सींके खींचने लगते हैं, तो हमें पता चल जाता है कि ये अपना घोंसला बनाने वाले हैं. गुज़श्ता दो दिनों में कबूतर हमारी दो झाड़ुओं की सींकें लेकर जा चुके हैं. 
हम चमेली व दीगर पौधों की सूखी टहनियों के छोटे-छोटे टुकड़े करके पानी के कूंडों के पास बिखेर देते हैं, ताकि पानी पीने के लिए आने वाले परिन्दों इन्हें लेकर जा सकें. 

आपसे ग़ुज़ारिश है कि अगर आपके आसपास भी परिन्दे हैं, तो आप भी अपनी पुरानी झाड़ुओं की सींकें कबूतरों के लिए रख दें, ताकि इनसे उनके नन्हे आशियाने बन सकें.
फ़िरदौस ख़ान

Friday, October 21, 2022

दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत इंसान

 

राहुल गांधी की ये तस्वीर ख़ूब वायरल हो रही है. इस तस्वीर को लेकर राहुल गांधी की उम्र, उनके चेहरे की झुर्रियों, उनकी सफ़ेद होती दाढ़ी और सफ़ेद बालों पर ख़ूब तंज़ किए जा रहे हैं.

ये बरहक़ है कि जो पैदा हुआ है वह उम्र के मुख़्तलिफ़ मरहलों से गुज़रता है. पहले वह बच्चा होता है, फिर वह अपनी जवानी को पहुंचता है और इसके बाद रफ़्ता-रफ़्ता ज़ईफ़ी की तरफ़ बढ़ता है. 
ख़ुशनसीब हैं वे लोग जो बूढ़े होते हैं, क्योंकि मौत के ज़ालिम पंजे किसी को पैदा होते ही अपनी गिरफ़्त में ले लेते हैं, तो किसी को बचपन में उनके अपनों से छीन लेते हैं. कितने ही लोग भरी जवानी में मौत की आग़ोश में समा जाते हैं. 

क्या बूढ़ा होना कोई गुनाह है? क्या चेहरे की झुर्रियां शर्म की बात है? क्या दाढ़ी सफ़ेद होना नदामत की बात है?
ख़ूबसूरत लोग हमेशा ख़ूबसूरत नहीं रहते, लेकिन अच्छे लोग हमेशा ख़ूबसूरत होते हैं. हमारे नज़दीक राहुल गांधी दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत इंसान हैं और हमेशा रहेंगे.
फ़िरदौस ख़ान  

Wednesday, October 19, 2022

परम्परा क़ायम रहे, रोज़गार का ज़रिया बना रहे...


पारम्परिक चीज़ें रोज़गार से जुड़ी होती हैं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी होती हैं. इसलिए दिवाली पर अपने घर-आंगन को रौशन करने के लिए मिट्टी के दिये ज़रूर ख़रीदें, ताकि दूसरों के घरों के चूल्हे जलते रहें. 
अगर आपको लगता है कि सरसों का तेल बहुत महंगा हो गया है, तो बिजली भी कोई सस्ती नहीं है. 
जो ख़ुशी चन्द दिये रौशन करने से मिलती है, वह बिजली की झालरों में लगे हज़ारों बल्बों से भी नहीं मिल पाती. हम भी मिट्टी के दिये ख़रीदते हैं, ताकि ये परम्परा क़ायम रहे और रोज़गार का ज़रिया बना रहे.
फ़िरदौस ख़ान