Saturday, June 27, 2015

दहशतगर्द नमाज़ियों को भी नहीं बख़्श रहे हैं


फ़िरदौस ख़ान
दहशतगर्द नमाज़ियों को भी नहीं बख़्श रहे हैं... रमज़ान के दूसरे जुमे को क़ुवैत की मस्जिद में नमाज़ के दौरान बम धमाका किया गया, जिसमें 27 नमाज़ियों की मौत हो गई है और बहुत से नमाज़ी ज़्ख़्मी हो गए... जुमे की नमाज़ के दौरान मस्जिदों में बम धमाके कर नमाज़ियों का ख़ून बहाने की दिल दहला देने वाली ख़बरें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं... दहशतगर्दों को किसी की जान लेते हुए ज़रा भी रहम नहीं आता... अपनी ख़ूनी प्यास बुझाने के लिए ये दहशतगर्द कितने ही घरों के चिराग़ों को बुझा डालते हैं, कितनी ही मांओं की गोद सूनी कर देते हैं और बच्चों को यतीम बना देते हैं...
समझ नहीं आता कि ये दरिन्दे किसे अपना ख़ुदा मानते हैं, क्योंकि अल्लाह को मानने वाला किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान तो दे देगा, लेकिन अपने फ़ायदे के लिए कभी किसी की जान नहीं लेगा...

ये देखकर बहुत दुख होता है कि आए दिन मस्जिदों में होने वाले बम धमाकों में मरने वाले नमाज़ियों के बच्चों से किसी को ज़रा भी हमदर्दी नहीं है...
वो मासूम बच्चे, जिनके बाप को वहशी दरिन्दों ने बम से उड़ा दिया... वो बच्चे, जो अब कभी अपने बाप के लाए नये कपड़े नहीं पहन पाएंगे, वो बच्चे, जिनका हाथ थामकर अब ईद की नमाज़ में ले जाने वाला बाप नहीं रहा... अब कौन उन्हें गोद में उठाकर प्यार करेगा, कौन ईद के मेले में ले जाएगा...

कहते हैं कि रमज़ान के महीने में अल्लाह शैतान को क़ैद कर देता है, लेकिन दुनिया में तो बड़े-बड़े शैतान भरे पड़े हैं, लानत हैं इन पर...
आओ ! दुआ करें कि इस दुनिया से दहशतगर्दी का ख़ात्मा हो और हर सिम्त चैन-अमन हो, आमीन

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