Tuesday, October 6, 2015

मुसलमानों की बदहाली


फ़िरदौस खान
दुनिया में एक क़ौम ऐसी भी है, जिसके दुनियाभर में तक़रीबन 54 मुल्क हैं... इसके बावजूद क़ौम की हालत बद से बदतर होती जा रही है... हालत ये है कि कहीं उन्हें मस्जिदों में क़त्ल किया जा रहा है, तो कहीं उन्हीं के घर में घुसकर उन्हें मारा जा रहा है... न उनकी जान महफ़ूज़ और न ही कोई उनके माल का रखवाला है... वे बेबसी के आलम में अपना घर, अपना मुहल्ला, अपना शहर और अपना मुल्क छोड़कर ईसाई देशों में पनाह मांग रहे हैं... उनके रहमो-करम पर ज़िन्दा रहने के वसीले तलाश रहे हैं...
क्योंकि-
इस क़ौम के मानने वालों में इत्तेहाद नहीं है... इस क़ौम के फ़िरक़ापरस्त लोग ख़ुद को ’सच्चा’ और दूसरों को ’बुरा’ साबित करने में ही लगे रहते हैं... आपस में ही एक-दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं... इनकी बदहाली की सबसे बड़ी वजह यही है... 

1 Comments:

रचना दीक्षित said...

ऐसे लोग भी चंद ही हैं बाकी तो सबके साथ भाईचारे से ही रहते हैं और रहना चाहते हैं.

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