Monday, November 28, 2016

जन आक्रोश दिवस

नोटबंदी से आम लोगों को ही ज़्यादा तकलीफ़ हुई. लोग अपने काम-धंधे छोड़कर नोट बदलवाने के लिए क़तारों में लग गए. रोज़मर्रा की ज़िन्दगी ठहर गई.
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने नारा दिया था कि वह विदेशों में जमा कालाधन वापस लाएगी और इस पैसे को जन कल्याण के कार्यों में ख़र्च किया जाएगा. मगर सत्ता में आने के बाद भाजपा की केंद्र सरकार ने विदेशों में जमा कालेधन पर ख़ामोशी अख़्तियार कर ली और नोटबंदी कर जनता को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. रोटी, कपड़ा और एक अदद छत के जुगाड़ में उम्रभर हाड़-तोड़ मेहनत करने वाले लोग अपनी कड़ी मशक़्क़त के पैसों को बदलवाने के लिए दिन-रात क़तारों में खड़े होने को मजबूर हो गए. वे समझ नहीं पा रहे थे कि उनका पास ऐसा कौन-सा कालाधन है, जिसके लिए उन्हें यह सज़ा भुगतनी पड़ रही है.

इस वक़्त कांग्रेस अवाम के हक़ की लड़ाई लड़ रही है...

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